Monday, August 25, 2014

गम जुदाई का था हम उम्र-भर रोते रहे

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गम जुदाई का था हम......उम्र-भर रोते रहे,
बे-वफ़ा निकले वो......बदनाम हम होते रहे |
अनकहा दिल में
रहा ,मुझसे कभी पूछे कोई,
दाग दिल पे था मगर, आईना हम धोते रहे | 

_______________हर्ष महाजन

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