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तेरी कलम की सिसकियों ने ही तो मुझे नींद से उठाया है
वगरना मैं तो अपने फन से ही महरूम हो चला था आज ।
________________________हर्ष महाजन ।
तेरी कलम की सिसकियों ने ही तो मुझे नींद से उठाया है
वगरना मैं तो अपने फन से ही महरूम हो चला था आज ।
________________________हर्ष महाजन ।
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