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कुछ इस तरह से उसने मुझे नज़र अंदाज़ कर दिया
जिस तरह किसी शाक ने कोई पत्ता बर्बाद कर दिया ।
रुखसार पर टिकाया कुछ इस तरह उसने जुल्फों को
जुबां को जैसे सुलगते दिल ने बे-आवाज़ कर दिया ।
_______________________हर्ष महाजन ।
जुबां को जैसे सुलगते दिल ने बे-आवाज़ कर दिया ।
_______________________हर्ष महाजन ।
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