Wednesday, May 2, 2012

अह्सासे ग़ज़ल वही है जो मन की कागज़ कर दे

अह्सासे ग़ज़ल वही है जो मन की कागज़ कर दे
गजनबी हो या ख्याली उन सब में नजाकत भर दे ।

____________________हर्ष महाजन ।

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