Saturday, May 19, 2012

तेरे नक्श-ए-क़दम पे चलें ये मुनासिब नहीं

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तेरे नक्श-ए-क़दम पे चलें ये मेरी तदबीर नहीं
खुश नसीबी खुदा की देन है मेरी ताबीर नहीं ।

________________हर्ष महाजन ।
तदबीर=किस्मत
ताबीर=ख्वाब 

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