मेरी प्यारी नन्नी सी बेटी रुपाली महाजन चावला ---------जन्मदिन की बहूत बहूत मुबारक ----
24th मई -----खुदा तुम्हे हमेशां खुशीआं दे .................
तेरी उम्र आज चाँद तारों पे लिख दी है मैंने
तेरे जन्म-दिन पे बहारों से लिख दी है मैंने ।
सजा ली है महफ़िल अब उन लफ़्ज़ों से मैंने
तेरी ज़िन्दगी उन सितारों से लिख दी है मैंने ।
दिन महीना और तारीख जो खुदा ने चुनी है
सब खुशीआं सब दीवारों पे लिख दी है मैंने ।
हर तमन्ना और ख्वाहिश तेरे कदम चूमे
अब हर गुंजाईश किनारों पे लिख दी है मैंने ।
मेरी हस्ती भी तुझ में इस तरह समा जाए
अब खुशीआं तेरे इशारों पे लिख दी है मैंने ।
कभी ज़िन्दगी तन्हा नज़र आये तुझे बेटा,
मम्मी-डेडी की तहरीर तारों पे लिख दी है मैंने।
खाविंद की कसम कभी भूल कर भी न खाना
ये तामील उसके अधिकारों में लिख दी है मैंने ।
ज़िन्दगी की बगिया में फूल हमेशां खिलते रहे
इक तहरीर सुनहरी अक्षरों में लिख दी है मैंने ।
"जनम दिन मुबारक हो -जनम दिन मुबारक हो "
________________हर्ष महाजन ।
24th मई -----खुदा तुम्हे हमेशां खुशीआं दे .................
तेरी उम्र आज चाँद तारों पे लिख दी है मैंने
तेरे जन्म-दिन पे बहारों से लिख दी है मैंने ।
सजा ली है महफ़िल अब उन लफ़्ज़ों से मैंने
तेरी ज़िन्दगी उन सितारों से लिख दी है मैंने ।
दिन महीना और तारीख जो खुदा ने चुनी है
सब खुशीआं सब दीवारों पे लिख दी है मैंने ।
हर तमन्ना और ख्वाहिश तेरे कदम चूमे
अब हर गुंजाईश किनारों पे लिख दी है मैंने ।
मेरी हस्ती भी तुझ में इस तरह समा जाए
अब खुशीआं तेरे इशारों पे लिख दी है मैंने ।
कभी ज़िन्दगी तन्हा नज़र आये तुझे बेटा,
मम्मी-डेडी की तहरीर तारों पे लिख दी है मैंने।
खाविंद की कसम कभी भूल कर भी न खाना
ये तामील उसके अधिकारों में लिख दी है मैंने ।
ज़िन्दगी की बगिया में फूल हमेशां खिलते रहे
इक तहरीर सुनहरी अक्षरों में लिख दी है मैंने ।
"जनम दिन मुबारक हो -जनम दिन मुबारक हो "
________________हर्ष महाजन ।
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