..
किस तरह लफ्ज़ वो जुबां पे लाया होगा
ख्याल जुदाई का उसको जब आया होगा ।
इस तरह टूट कर चाहा था उसने मुझको
रंजोगम आज फिर तूफां भी लाया होगा ।
हमें मालूम है उस दिल की हकीकत यारो
अब तो हर साज़ में गम का ही साया होगा ।
अश्क आँखों में भर-भर जब वो गाया होगा
उसके नगमों से फिर कहर सा छाया होगा ।
मोड़ा रुख ज़ुल्म की आंधी का उसने यारो
आज फिर 'हर्ष' ने इक ज़श्न मनाया होगा ।
______________हर्ष महाजन ।
किस तरह लफ्ज़ वो जुबां पे लाया होगा
ख्याल जुदाई का उसको जब आया होगा ।
इस तरह टूट कर चाहा था उसने मुझको
रंजोगम आज फिर तूफां भी लाया होगा ।
हमें मालूम है उस दिल की हकीकत यारो
अब तो हर साज़ में गम का ही साया होगा ।
अश्क आँखों में भर-भर जब वो गाया होगा
उसके नगमों से फिर कहर सा छाया होगा ।
मोड़ा रुख ज़ुल्म की आंधी का उसने यारो
आज फिर 'हर्ष' ने इक ज़श्न मनाया होगा ।
______________हर्ष महाजन ।
No comments:
Post a Comment