मैंने
अपनी तमन्नाओं को
ज़ब्त से सजाया है !!
और
तुझे पाने के लिए ..
हर सुखन अपनाया है ।
कई बार .....
ये कहने को जुबां
तरसी है ..
कि
तुमने अपना के भी
मुझे !!!
नहीं अपनाया है !!!!
__हर्ष महाजन ।
अपनी तमन्नाओं को
ज़ब्त से सजाया है !!
और
तुझे पाने के लिए ..
हर सुखन अपनाया है ।
कई बार .....
ये कहने को जुबां
तरसी है ..
कि
तुमने अपना के भी
मुझे !!!
नहीं अपनाया है !!!!
__हर्ष महाजन ।
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