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उनके सहारे हमने हर इक शाम गुजारी
कुछ भी कहे ये ज़माना उनका नाम तारी ।
मुखालिफ दुनिया हमसे प्यार उनसे भारी
खता की सजा में हमने अपनी शाम हारी ।
यकीनन कहर इक दिन आसमां से उतरेगा,
कफन पर खुदा भी करेगा हमारा नाम जारी ।
फुर्सत मिलेगी हमको गम-ए-दौरां से कभी
यकीनन दुआ ये करेंगे हो जाए जाम खारी ।
______________हर्ष महाजन ।
उनके सहारे हमने हर इक शाम गुजारी
कुछ भी कहे ये ज़माना उनका नाम तारी ।
मुखालिफ दुनिया हमसे प्यार उनसे भारी
खता की सजा में हमने अपनी शाम हारी ।
यकीनन कहर इक दिन आसमां से उतरेगा,
कफन पर खुदा भी करेगा हमारा नाम जारी ।
फुर्सत मिलेगी हमको गम-ए-दौरां से कभी
यकीनन दुआ ये करेंगे हो जाए जाम खारी ।
______________हर्ष महाजन ।
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