Saturday, May 12, 2012

सच कहूं कहानी आज समाप्त हो गयी

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सच कहूं कहानी आज समाप्त हो गयी
पड़ोसन भई दीवानी संग रात हो गयी
बिन पिए यूँ टल्ली उसका हुस्न देखकर
ख्वाब-गाह में तारों की बारात हो गयी ।
थर्रा गया जो खुल गयी नींद अचानक
लगा कि दरअसल सुहागरात हो गयी ।
थी हुस्न-ए-वफ़ा आघोष में तसल्ली हुई
ये हाद्सा-ए-जफा रात बे-बात हो गयी ।

__________________हर्ष महाजन ।

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