ज़ुल्फ़ बिखरेगी तो बरखा भी वहाँ बरसेगी
फिर सितारों की ये महफ़िल भी वहां पसरेगी ।
जिस तरह तेरी मोहब्बत का वो दम भरते हैं,
है यकीं मुझको ज़फायें भी वहाँ तरसेंगी ।
होंगे शायद तेरी चाहत में हज़ारों काबिल
पर न होगा मेरी तरह नज़र तो परखेगी ।
_______________हर्ष महाजन
फिर सितारों की ये महफ़िल भी वहां पसरेगी ।
जिस तरह तेरी मोहब्बत का वो दम भरते हैं,
है यकीं मुझको ज़फायें भी वहाँ तरसेंगी ।
होंगे शायद तेरी चाहत में हज़ारों काबिल
पर न होगा मेरी तरह नज़र तो परखेगी ।
_______________हर्ष महाजन
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