महफ़िल में अब इक नयी क्षमा जलायी जायेगी
हमारे प्यार के तेल में तेरी बत्ती लगायी जायेगी ।
इस बज़्म में अब बैठे हैं हम स्वागती ग़ज़लें लेके,
अपने अंदाज़-ए-बयाँ कुछ आग लगायी जायेगी ।
__________________हर्ष महाजन
हमारे प्यार के तेल में तेरी बत्ती लगायी जायेगी ।
इस बज़्म में अब बैठे हैं हम स्वागती ग़ज़लें लेके,
अपने अंदाज़-ए-बयाँ कुछ आग लगायी जायेगी ।
__________________हर्ष महाजन
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