किस तरह आज रात सियाही सी उभर आयी है
मेरे सुंदर चंदा पे बदली सी क्या चली आयी है ।
अश्क बहा दिए हैं शायद जो सब जगह नमी है
मुझे पता है मेरे लिए आज इक कलि आई है ।
________________हर्ष महाजन
मेरे सुंदर चंदा पे बदली सी क्या चली आयी है ।
अश्क बहा दिए हैं शायद जो सब जगह नमी है
मुझे पता है मेरे लिए आज इक कलि आई है ।
________________हर्ष महाजन
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