आजकल के सन्दर्भ में उपयुक्त मेरा एक six liners ...जब किसी इंसान की मति मारी जाती है तो उसके घर को उजाड़ने के लिए बाहरी तत्त्व अपने कार्य को सिद्ध करने के लिए या यूँ कहें की अपना उल्लू सीदा करने के लिए उस का आँगन इस्तेमाल करते हैं ... और उस इंसान को तब पता चलता है..जब सब कुछ ख़तम हो जाता है ..।
___________________________________________________
एक और पुरानी रचना ....हर्ष महाजन' स सिक्स लायीनर्स ....
जंग चलावे जबहु कभी, घर पर पहिला वार,
घायल जब समझे रहा , खुनी भयी तलवार।
खुनी भयी तलवार, कटे सब अपने भायी,
हरसुं छपी अखबार, भायी कु समझ न आयी ।
कहे 'हर्ष' समुझाए , सबहूँ को राखियो संग,
कबहुं जीत न पायी, चलायी के ऐसी जंग ।
_______________हर्ष महाजन
___________________________________________________
एक और पुरानी रचना ....हर्ष महाजन' स सिक्स लायीनर्स ....
जंग चलावे जबहु कभी, घर पर पहिला वार,
घायल जब समझे रहा , खुनी भयी तलवार।
खुनी भयी तलवार, कटे सब अपने भायी,
हरसुं छपी अखबार, भायी कु समझ न आयी ।
कहे 'हर्ष' समुझाए , सबहूँ को राखियो संग,
कबहुं जीत न पायी, चलायी के ऐसी जंग ।
_______________हर्ष महाजन
No comments:
Post a Comment