Wednesday, March 14, 2012

हम तो लायें है उन शहरों की तस्वीरें खींच कर

हम तो लायें है उन शहरों की तस्वीरें खींच कर
जहां खेत नहीं खलिहान नहीं हम रहें भीच कर ।

अब किस तरह इंसानों की ये सोच बदल गयी
इक ही घर में रहें अब मंजिलें खींच-खींच कर ।

_______________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment