सास बहू से कह चली चल पीपल की छाँव
सर पे रख के घाघरी पटक चली फिर पाँव ।
पटक चली फिर पाँव मुखडिया हो गयी लाल,
बहू कहे तू निकल मैं अबकि चली ससुराल।
कहे 'हर्ष' समुझाए, बहू को बात इक ख़ास ,
पता चलेगा दरद, कि जब तू बनेगी सास ।
__________________हर्ष महाजन
सर पे रख के घाघरी पटक चली फिर पाँव ।
पटक चली फिर पाँव मुखडिया हो गयी लाल,
बहू कहे तू निकल मैं अबकि चली ससुराल।
कहे 'हर्ष' समुझाए, बहू को बात इक ख़ास ,
पता चलेगा दरद, कि जब तू बनेगी सास ।
__________________हर्ष महाजन
No comments:
Post a Comment